इंसानी दिमाग के बारे कुछ चकित कर देने वाले रोचक तथ्य क्या हैं? By वनिता कासनियां पंजाब द्वारा 1.] हमारे दिमाग में कई ऐसे हिस्से है जो बंद पड़े है और वो हिस्से तभी खुलते है जब हम दिमाग से कसरत करवाते है कहने का मतलब आप जितना अधिक सीखते चले जाओगे, जितना अधिक दिमाग का इस्तेमाल करके उससे काम करवाओगे उतनी ही तेज़ी से आपके दिमाग के बंद हिस्से खुलने शुरू हो जाएंगे और आपका दिमाग तेज़ होना शुरू हो जाएगा। इसलिए लगातार अपनी फील्ड के बारे में पढ़ते जाएं और नया सीखते जाएं। 2.] हम कोई भी वस्तु अपने आंखों से नहीं बल्कि अपने दिमाग़ की मदद से देख पाते हैं आंख सिर्फ information लेता है और उसका प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनाकर हमारे दिमाग़ तक पहुँचाता है। 3.] पूरे दिन की तुलना में लंच के बाद हमारी याददाश्त सबसे ज़्यादा कमजोर होती है। 4.] किसी के ना बोलने पर भी खुद का नाम सुनाई देना एक स्वस्थ दिमाग की निशानी है। 5 ] पूरी जिंदगी में हमारा दिमाग लगभग 10 लाख GB डेटा स्टोर करता हैं।
दिन नीके बीते जाते हैंदिन नीके बीते जाते हैं॥टेर॥सुमिरन कर ले राम नाम, तज विषय भोग सब और काम।तेरे संग न चाले इक छदाम, जो देते हैं सो पाते हैं॥१॥लख चौरासी भोग के आया, बड़े भाग मानस तन पाया।उस पर भी नहीं करी कमाई, अन्त समय पछिताते हैं॥२॥कौन तुम्हारा कुटुम्ब परिवारा, किसके हो तुम कौन तुम्हारा।किसके बल हरि नाम बिसारा, सब जीते जी के नाते हैं॥३॥जो तू लाग्यो विषय बिलासा, मूरख फँस गयो मोह की फाँसा।क्या करता श्वासन की आशा, गये श्वास नहीं आते हैं॥४॥सच्चे मनसे नाम सुमिर ले, बन आवे तो सुकृत कर ले।साधु पुरुष की संगति कर ले, दास कबीरा गाते हैं॥५॥
दिन नीके बीते जाते हैं दिन नीके बीते जाते हैं॥टेर॥ सुमिरन कर ले राम नाम, तज विषय भोग सब और काम। तेरे संग न चाले इक छदाम, जो देते हैं सो पाते हैं॥१॥ लख चौरासी भोग के आया, बड़े भाग मानस तन पाया। उस पर भी नहीं करी कमाई, अन्त समय पछिताते हैं॥२॥ कौन तुम्हारा कुटुम्ब परिवारा, किसके हो तुम कौन तुम्हारा। किसके बल हरि नाम बिसारा, सब जीते जी के नाते हैं॥३॥ जो तू लाग्यो विषय बिलासा, मूरख फँस गयो मोह की फाँसा। क्या करता श्वासन की आशा, गये श्वास नहीं आते हैं॥४॥ सच्चे मनसे नाम सुमिर ले, बन आवे तो सुकृत कर ले। साधु पुरुष की संगति कर ले, दास कबीरा गाते हैं॥५॥