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*मैं शब्द में बड़ी बिचित्रता है। सुबह से शाम तक आदमी कई बार मै मै करता है। by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इस मै के कारण ही बहुत सारी समस्याएं जन्म लेती है। आश्चर्य की बात यह है कि मै के कारण उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए आदमी फिर " मै " को प्रस्तुत करता है।* *समस्त हिंसा और अशांति के मूल में " मै " ही है।* *जीवन बड़ा आनंदमय और उत्सवमय बन सकता है लेकिन यह अहंवाद उसमे सबसे बड़ी बाधा है। मै " के ज्यादा आश्रय से ह्रदय पाषाण जैसा हो जाता है। जबकि जीवन का वास्तविक सौंदर्य तो उदारता, विनम्रता, प्रेमशीलता और संवेदना में ही खिलता है।* *मै माने स्वयं में बंद हो जाना, पिंजड़े में कैद हो जाना, आकाश की अनंतता से वंचित रह जाना। एक बात बिलकुल समझ लेना " मै " की मुक्ति में ही तुम्हारी समस्याओं की मुक्ति है।* *साहब जो बात "हम" में है,* *वो ना तुम में है ना मुझ में है॥* *जय श्री राम 🙏🏻🙏 *आज का दिन शुभ मंगलमय हो।** I have great illustrations in the word. I do many times from morning to evening. by social worker Vanita Kasaniyan Punjab It is due to this that many problems arise. Surprisingly, man then presents "I" to solve the problems caused by May. * * "I" is at the root of all violence and unrest. * * Life can be very blissful and celebratory but this egoism is the biggest obstacle in it. The heart becomes like stone with the help of "I". Whereas the real beauty of life blossoms in generosity, humility, love and compassion. * * I consider myself locked up, imprisoned in a cage, deprived of the infinity of the sky. One thing to be fully understood is the salvation of your problems only in the liberation of "I". * Sir, the thing is in "we", * * He is neither in you nor in me. * Jai Shri Ram 4 * Have a nice day today. *,

*मैं शब्द में बड़ी बिचित्रता है। सुबह से शाम तक आदमी कई बार मै मै करता है। by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इस मै के कारण ही बहुत सारी समस्याएं जन्म लेती है। आश्चर्य की बात यह है कि मै के कारण उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए आदमी फिर " मै " को प्रस्तुत करता है।*
    *समस्त हिंसा और अशांति के मूल में " मै " ही है।* *जीवन बड़ा आनंदमय और उत्सवमय बन सकता है लेकिन यह अहंवाद उसमे सबसे बड़ी बाधा है। मै " के ज्यादा आश्रय से ह्रदय पाषाण जैसा हो जाता है। जबकि जीवन का वास्तविक सौंदर्य तो उदारता, विनम्रता, प्रेमशीलता और संवेदना में ही खिलता है।*
    *मै माने स्वयं में बंद हो जाना, पिंजड़े में कैद हो जाना, आकाश की अनंतता से वंचित रह जाना। एक बात बिलकुल समझ लेना " मै " की मुक्ति में ही तुम्हारी समस्याओं की मुक्ति है।*
     *साहब जो बात "हम" में है,*
       *वो ना तुम में है ना मुझ में है॥*

 *जय श्री राम 🙏🏻🙏

 *आज का दिन शुभ मंगलमय हो।** I have great illustrations in the word.  I do many times from morning to evening.  by social worker Vanita Kasaniyan Punjab It is due to this that many problems arise.  Surprisingly, man then presents "I" to solve the problems caused by May. *
     * "I" is at the root of all violence and unrest. * * Life can be very blissful and celebratory but this egoism is the biggest obstacle in it.  The heart becomes like stone with the help of "I". Whereas the real beauty of life blossoms in generosity, humility, love and compassion. *
     * I consider myself locked up, imprisoned in a cage, deprived of the infinity of the sky.  One thing to be fully understood is the salvation of your problems only in the liberation of "I".
      * Sir, the thing is in "we", *
        * He is neither in you nor in me.

  * Jai Shri Ram 4

  * Have a nice day today. *

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