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तेरे आने की जब खबर महके, By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब, तेरी खुशबू से सारा घर महके, शाम महके तेरे तसवुल से, शाम के बाद फिर सेहर महके, तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके, रात भर सोचता रहा तुझको, ज़ह्नु दिल में रात बर महके, तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके, याद आये तो दिल मुनावर हो, दीद हो जाये तो नजर महके, तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके, वो घडी दो घड़ी याहा बैठी, वो ज़मीन महकी वो सजर महकी, तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके.,

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तेरे आने की जब खबर महके, By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,तेरी खुशबू से सारा घर महके, शाम महके तेरे तसवुल से, शाम के बाद फिर सेहर महके, तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके, रात भर सोचता रहा तुझको, ज़ह्नु दिल में रात बर महके, तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके, याद आये तो दिल मुनावर हो, दीद हो जाये तो नजर महके, तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके, वो घडी दो घड़ी याहा बैठी, वो ज़मीन महकी वो सजर महकी, तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके.,

ईश्वर को देखें तो कहां देखें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब//🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️

ईश्वर को देखें तो कहां देखें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब//🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️ ईश्वर को देखें तो कहां देखें? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब// 🌹🌹🌹🌹🙏🙏🌹🌹🌹🌹✍️ रात चांद निकला है, जोड़ लो हाथ, झुक जाओ पृथ्वी पर। गुलाब का फूल खिला है, मत चूको अवसर। बैठ जाओ पास, जोड़ लो हाथ, झुक जाओ। कौन जाने यह गुलाब की ताजगी, यह गुलाब जो गुलाल फेंक रहा हो, कृष्ण ने ही फेंकी हो! है तो सब गुलाल उसी की। अब तुम ऐसे मत बैठे रहना कि वह लेकर पिचकारी आएगा तब, कुछ नासमझ ऐसे बैठे हैं कि जब वह पिचकारी लेकर आएगा तब। और कपड़े भी उन्होंने पुराने पहन रखे हैं कि कहीं खराब न कर दे। वह रोज ही आ रहा है, प्रतिपल आ रहा है। उसके सिवा और कुछ आने को है भी नहीं। वही आता है। इन वृक्षों में से झलकती हुई सूरज की किरणों को देखते हो! इन वृक्षों में जो किरणों ने जाल फैलाया है, उसे देखते हो! इन वृक्षों के बीच जो धूप—छाया का रास हो रहा है, उसे देखते हो! यह उसी का रास है। इन वृक्षों में जो पक्षी कलरव कर रहे हैं, यह वही है। अब तुम यह मत सोचो कि जब वह बांसुरी बजाएगा, तब हम सुनेंगे। यह उसी की बांसुरी है। कभी पक्षियों से गाता है...

मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना, By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना।करूणानिधि नाम तेरा, करुन दिखलाओ तुम, सोये हुए भाग्यो को, हे नाथ जगाओ तुम। मेरी नाव भवर डोले इसे पार लगा देना, गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना॥जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा।जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा॥तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो, इस तन में समाये हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो। नित्त माला जपूँ तेरी, नहीं दिल से भुला देना, गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना॥पापी हूँ या कपटी हूँ, जैसा भी हूँ तेरा हूँ, घर बार छोड़ कर मैं जीवन से खेला हूँ। दुःख का मार हूँ मैं, मेरा दुखड़ा मिटा देना, गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना॥मैं सब का सेवक हूँ, तेरे चरणों का चेरा हूँ, नहीं नाथ भुलाना मुझे, इसे जग में अकेला हूँ।तेरे दर का भिखारी हूँ, मेरे दोष मिटा देना,गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना॥इन चरनन की पाऊं सेवा,जय गुरुदेवा, जय गुरुदेवा।,